जाति धर्म के जाल में, जकड़ा हुआ समाज। जाति धर्म के जाल में, जकड़ा हुआ समाज।
अलविदा कहने को जी नहीं रोक भी ना सकता तुम्हें अलविदा कहने को जी नहीं रोक भी ना सकता तुम्हें
आश्चर्य के बुरे दिन आश्चर्य के बुरे दिन
हम बच्चे थे तो ही अच्छे थे। हम बच्चे थे तो ही अच्छे थे।
काटे हैं लम्हें, बिन ज़ख्मों को गिन, पर अच्छे कट गए, कट गए जो थे उल्फत के दिन, पर अच्छे कट गए।। काटे हैं लम्हें, बिन ज़ख्मों को गिन, पर अच्छे कट गए, कट गए जो थे उल्फत के दिन, ...
बहुत कुछ देता है परंतु साथ नहीं देता है। बहुत कुछ देता है परंतु साथ नहीं देता है।